Description
व्यंग्य लेखन साहित्य की एक लाभदायक विधा है। लाभदायक इसलिये क्योंकि इस विधा के माध्यम से व्यंग्यकार समाज में हो रही कमियों की ओर ध्यान आकर्षित कराता है, जो समाज के विकारों को दूर करने में सहायक होती है।
एक विद्वान का कथन है कि-‘‘साहित्य समाज का दर्पण होता है।“ अर्थात साहित्य को दर्पण का कार्य करना चाहिये जो व्यंग्य विधा के माध्यम से बहुत सरलता से किया जा सकता है। व्यंग्य तीखे भी हो सकते हैं किन्तु यदि उसमें हास्य का मिश्रण कर दिया जाए तो व्यंग्य चटपटे और आनन्द दायक हो जाते हैं, इसलिये बड़े-बड़े साहित्यिक मंचों पर व्यंग्यकार को सम्मानित किया जाता है और श्रोताओं की तालियों से उनके व्यंग्य का स्वागत किया जाता है। यह पुस्तक हास्यव्यंग्य एवं करुण रस की कविताओं की है जिसमें 105 उन रचनाओं को शामिल किया गया है जिसका कई बार कई कवि सम्मेलनों में स्वागत किया गया है, सराहा गया है और श्रोताओं का प्यार प्राप्त हुआ है।
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