Description
दुनिया में क्या सही है क्या गलत है क्या पाप है क्या पुण्य इन सभी द्वंदो के साथ लिखी गई ग्यारह कहानियां मनुष्य जीवन के विभिन्न आयामों पर लिखी गई है। सिर्फ जो हमे सत्य प्रतीत हो वही सत्य नही होता, हो सकता है वह सत्य का अंश मात्र हो। इन्ही आंशिक सत्यो की समष्टि से परम सत्य का निर्माण होता है। जहां एक रूढ़िवादी के लिए समाज में प्रचलित प्रथाएं सही होती है वही एक प्रगतिवादी के लिए सर्वदा समाज में परिवर्तन की गुंजाइश रहती है। इन्ही सभी द्वंदो के साथ दस कहानियां पढ़ने के बाद ग्यारवी कहानी पढ़ने यह कहानी संग्रह उपन्यास का रूप लेता हुआ प्रतीत होता है। अंत में जहां यूनिवर्स एक सुंदर ग्रह पृथ्वी के विनाश से दुखी है वही यह भी प्रतीत होता है की वह सृष्टि में परिवर्तन से खुश है।
मुझे लिखने का शौक है। किताब लिखते हुए बहुत सी बार लगा की ये मैं क्या कर रहा हूं। हमेशा मुझे ख्याल आया की 21 वी शताब्दी जहां इंसान अपने आप में इतना व्यस्त है वहा भला किसे किताब पढ़ने की फुरसत है। ऐसा लगा की जैसे मैं एक बेवकूफी कर रहा हूं। मुझे तो लोगो को ये बताने में भी शर्म आती रही की मैं किताब लिख रहा हूं। एक अंतर्द्वंद अंदर ही अंदर था। करीबन एक साल से कहानियां लिख कर बैठा था। अब जाकर थोड़ा हौसला जुटा कर ये कहानी संग्रह पब्लिश करवा रहा हूं। शायद आप इसे पसंद करे।
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