Dost Ki Shayari by Dr. Sriram Bihari Srivastava (Poetry)

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शायरी शायर के दिल से निकलने वाले जज्ब़ात होते हैं जिन्हे वह कभी शेर, कभी कत्आ, कभी गज़ल और कभी नज्म़ की सूरत में पेश करता है। और आप जानते ही होंगे कि शायरी प्रेमी-प्रेमिका के बीच होने वाले वाक्यातों से पैदा होती है।

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Description

शायरी शायर के दिल से निकलने वाले जज्ब़ात होते हैं जिन्हे वह कभी शेर, कभी कत्आ, कभी गज़ल और कभी नज्म़ की सूरत में पेश करता है। और आप जानते ही होंगे कि शायरी प्रेमी-प्रेमिका के बीच होने वाले वाक्यातों से पैदा होती है। पुराने सभी माने हुए शायरों के कलाम पढ़नें से हमे ऐसा लगता है कि शायर अपनी प्रेमिका से बडे़ ज़ज़्बाती हो कर गुफ्तगूं कर रहा है, जैसे वे दोनो एक दूसरे पर अपनी सारी मोहब्बत उडे़ल दे रहे हों। बाद में शायरों ने बातचीत का दायरा कुछ बढ़ा दिया अब एक दोस्त दूसरे दोस्त से जमानें के कई मुद्दों पर अपनी बातें कहने लगा। मेरे द्वारा पेश की जा रही शायरी में भी तमाम मुद्दों पर शायरी है। मेरी पेशकश में इश्क की बाते भी हैं और समाज के दूसरे हालात पर भी बातें हैं। उम्मीद है कि आप हजरात को मेरे कलाम पसन्द आएंगे।

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