Description
“” सिख मे सिख ऊंचा, भगतो मे भगत सुवा। सिख की न्याई कह भई मणिसिंह जी ।। ”
‘शहीद मणिसिंह पवार’ बंजारा दलोगुरु के शेर थे। जिन्होंने कुल पाच गुरुके साथ तन, मन, धन, न्यायदान, तथा बलीदानके साथ महान कार्य किया था। उनके ससुरजी लक्खीशाह बंजारा थे। लक्खीशाह और शाहिद मनिसिंहके दादा बहू राय पंजारा के परिवार कुल १०६ से जादा १३३ वर्ष मे सिख इतिहास मे कुर्बानीया दी है। पारिवारिक शहादतो का इतना त्याग भरा इतिहास हमे पुरे विधमे कोई दुसरा उदाहरण दूरदूर तक दिखाई नही देता।
इस शहीद विलास (भाई मणिसिंह) पंजाबी ग्रंथ का आधार लेकर, हमने अपने अपने तरिके से अध्ययन करके, मणिसिंह के जीवनी, शहीदी के संदर्भ में अध्ययन करके लिखा हैं। लेकिन मूल शहीद विलास (भाई मणिसिंह) पंजाबी भाषामे छपा ग्रंथ यह इन सभी का मूल ग्रंथ हैं। हमारा भी यह फर्ज बनता है कि ग्यानी गरजा सिंह जी ने जिसप्रकार मणिसिंह के जीवनी, शहिदी को पांडुलिपियाँ, भाट वहीं और पांडो के माध्यम से सामने लाने का कार्य किया है। उन्होंने ३० साल अध्ययन करके शहीद बिलास (भाई मणिसिंह) पंजाबी ग्रंथ सबके सामने रखा हैं। वह हमने हिंदी मे रखनेकी कोशिश की है उसीप्रकार हम सबके सामने मूल शहीद विलास (भाई मणिसिंह पंजावी ग्रंथ का संशोधित हिंदी, मराठी, अंग्रेजी तथा बंजारा अनुवाद सबके सामन लाने की कोशिश की गई है। डॉ. सुनिता राठोड पवार.
Reviews
There are no reviews yet.