Kiran Kavyanjali by Pradeep Khare (Poetry)

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कविता, साहित्य की विभिन्न विधाओं में अपना विशिष्ट स्थान रखती है। यह मनोभावों को कलात्मक रूप से व्यक्त करने का सरल,सहज और सशक्त माध्यम है। एकाकीपन के अवसाद से अपने को विलग रखने के प्रयास में मुझे सृजनात्मक अभिरुचि विकसित करने का अवसर मिला और कविता लेखन का शौक इसमें अग्रणी रहा।

Description

कविता, साहित्य की विभिन्न विधाओं में अपना विशिष्ट स्थान रखती है। यह मनोभावों को कलात्मक रूप से व्यक्त करने का सरल,सहज और सशक्त माध्यम है। एकाकीपन के अवसाद से अपने को विलग रखने के प्रयास में मुझे सृजनात्मक अभिरुचि विकसित करने का अवसर मिला और कविता लेखन का शौक इसमें अग्रणी रहा।

कविताओं की विषय वस्तु यथार्थ से जुड़ी, सारगर्भित व उद्देश्य पूर्ण जैसे आंतरिक गुणों से सुसज्जित, विविधता लिए हुए है। पुस्तक में सारी रचनाओं को विषय वस्तु की प्रकृति के अनुसार उपशीर्षकों जैसे श्रद्धा सुमन, सृष्टि सौंदर्य, बदलता परिवेश, विविधता और तराना में वर्गीकृत कर संबोधित किया गया है ताकि रोचकता बनी रहे।

कविता के क्षेत्र में नवआगंतुक अवश्य हूँ पर मुझे विश्वास है कि रचनाओं के मूल भावों में खोकर संतुष्टिपूर्ण अनुभूति अवश्य हासिल करेंगे।

किरण को समर्पित काव्यांजलि….

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