Description
प्रिय पाठकों,
ये मेरी पहली किताब है जिसमें वो शे’र और ग़ज़लों है जो मेरी दिल से निकले या फिर यूँ समझिये कि अपनी ही जिंदगी है एक शायराना अंदाज़ मेंı वो कहते हैं ना जब तक इश्क़ ना हो और जुदाई ना हो तो यूँ कोई शायर मुक़म्मल नहीं होता, मसलन ये सभी शे’र और ग़ज़लें उसी लड़की को समर्पित हैंı इस बात का वादा मैं आपसे करता हूँ कि इसको पढ़ते समय आप अपनी चाहत में जरुर खो जायेंगे क्यूंकि अमूमन ये सबकी जिंदगी से जुड़ी किताब हैı शुक्रिया…
इनका वास्तविक नाम प्रमोद कुमार है और जन्म उत्तर प्रदेश के फैज़ाबाद (अवध) जिले में हुआı बचपन से ही इन्हें कहानी, उपन्यास आदि पढ़ने का बहुत शौक थाı इन्होंने पहले इंजीनियरिंग और फिर एम.बी.ए. किया एवं कई मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब कर चुके हैं और वर्तमान में भी गुजरात की एक कंपनी में मार्केटिंग हेड के तौर पर कार्यरत हैंı
वैसे तो अवध दुनिया में हमेशा से ही अपनी अदबियत, सुखनवरी, मौसीक़ी जैसे तमाम हुनर के लिए जाना जाता हैı इसमें भी खासतौर से उर्दू ग़ज़लों, नगमों और शायरी का ख़ास ही रुतबा रहा हैı कुछ तो इश्क़ और कुछ अवध की उसी सरजमीं का असर कह सकते हैं कि मुख्तलिफ़ तहज़ीब, ज़बान और परवरिश के बावजूद इस शायर ने अपनी लेखनी की शुरुआत शायरी के सफ़र से किया हालांकि बहुत जल्द ही इनके कुछ उपन्यास आप लोगों के बीच में होंगेı कोलकाता की इनकी एक दोस्त परामा दास ने इन्हें “तन्हा अलफ़ाज़” नाम दिया जिसको इन्होंने अपना तख़ल्लुस बना लियाı
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